प्रश्न 1 : मकड़ी के जाल का इस्तेमाल कर एक सुंदर सा ड्रेस कैसे बनाया गया?
उत्तर : यह अद्भुत काम मैनेगैसकर के 70 लोगों की टीम ने अंजाम दिया है। इस टीम ने निरंतर चार वर्षों तक मैनेगैस्कर के टेलीफिन खंबों से गोल्डन ओर्ब नामक मकड़ी इकठ्ठा किए। यह ऐसी मकड़ियां हैं, जो सुनहरे रंग के सिल्क से अपना जाल बुनती हैं।
इन्ही मकड़ीयों के जाल को इकठ्ठा कर उनसे धागे बनाए गए और 11/4 फीट का कपड़ा तैयार किया गया। और फिर इन्ही कपड़ों से सुंदर सा ड्रेस बनाकर तैयार किया गया। यह ड्रेस फिलहाल न्यू यॉर्क शहर की “अमेरिकन म्यूजियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री” में रखा गया है।
प्रश्न 2 : टाइटैनिक जहाज जिस आइसवर्ग से टकराया उसकी तस्वीर किसने और किस तरह ली?
उत्तर : टाइटैनिक जहाज के डूबने के कई कारण बताए गए हैं, जिनमे टाइटैनिक का एक बेहद विशाल आइस वर्ग से टकराना सबसे खास बताया गया है। इस आइस वर्ग की तस्वीर टाइटैनिक जहाज को बचाने के लिए पहुंचे कैप्टन ” डब्लू वोड ” ने ली थी। टाइटैनिक तक पहुंचने में इनको 40 घंटों का समय लग गया था। इसी वजह से टाइटैनिक को बचाया भी नहीं जा सका।
प्रश्न 4 : किस देश के कुत्तों को सड़कों पर पॉटी करने के अनुमति नहीं दी जाती ?
उत्तर : इटली एक ऐसा देश है, जहां कुत्ते सड़कों पर पॉटी नहीं कर सकते। असल में इटली की सरकार 2014 से इटली में मौजूद सभी कुत्तों का डीएनए जमा कर रही है। और हर कुत्ते के डीएनए को उसके मालिक की सूचना के साथ रिकॉर्ड के तौर पर रखा जा रहा है। ऐसे में यदि कोई कुत्ता सड़क या किसी पब्लिक प्लेस में पॉट कर देता है, तो उस पॉटी की सहायता से उसको करने वाले कुत्ते का पता लगा लिया जाता है।
जिससे उस कुत्ते के मालिक की भी जानकारी मिल जाती है। और उसके बाद एक लिखित आरोप के साथ कुत्ते के मालिक के घर एक टीम 5 लाख जुर्माने का चिट लेकर जाती है। यही कारण है कि इटली की सड़के और गालियां बिल्कुल साफ रहती हैं।
प्रश्न 5 : रॉकेट लॉन्च होते समय कैमरे को कहां रखा जाता है?
उत्तर : रॉकेट लॉन्चिंग की घटना रिकॉर्ड करने वाले कैमरे को साइट से लगभग डेर किलोमीटर की दूरी पर रखा जाता है। असल में रॉकेट लॉन्च होते समय बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है। और यह ऊष्मा इतनी अधिक होती है कि साइट से एक किलोमीटर दूरी पर रखी चीजों पर भी इसका बहुत प्रभाव पड़ता है।
एक बार नासा के रॉकेट लॉन्चिंग के समय आधे मीटर की दूरी पर रखा कैमरा इसी ऊष्मा से बुरी तरह जल गया था। इसलिए रॉकेट लॉन्च होने की घटना को कैप्चर करने वाले कैमरे को लॉन्चिंग साइट से देर किलोमीटर दूर रखा जाता है।
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